केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यों से मिली रिपोर्ट का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि एक अप्रैल से 577 बच्चे कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर में अपने माता-पिता के निधन के कारण अनाथ हो गए. उन्होंने इस बात पर जोर भी दिया कि सरकार कोविड के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले हर बच्चे के संरक्षण एवं सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है.

ईरानी ने ट्वीट किया, ‘भारत सरकार हर उस बच्चे का सहयोग एवं संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है. राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से जानकारी दी गई है कि एक अप्रैल से 577 बच्चों के माता-पिता की कोरोना के कारण मौत हुई है.’

उधर, सूत्रों का कहना है कि ये बच्चे अकेले नहीं हैं और वे जिला प्रशासन के संरक्षण एवं देखरेख में हैं. उन्होंने बताया कि अगर ऐसे बच्चों को काउंसलिंग की जरूरत पड़ती है तो राष्ट्रीय मानसिक जांच एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) में टीम तैयार है.
उनका यह भी कहना था कि बच्चों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए धन की कोई कमी नहीं है.

उधर, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव राम मोहन मिश्रा ने बताया कि भारत जल्द ही नौ देशों में स्थित अपने उच्चायोगों/दूतावासों में ‘वन स्टॉप सेंटर’ खोलेगा. ‘वन स्टॉप सेंटर’ का मकसद महिला विरोधी हिंसा से निपटना है. उन्होंने बताया, ‘बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और सिंगापुर में एक-एक ‘वन स्टॉप सेंटर’ खोले जाएंगे. सऊदी अरब में ऐसे दो ‘वन स्टॉप सेंटर’ खोले जाएंगे.’

इस अधिकारी के अनुसार, पूरे भारत में 300 ‘वन स्टॉप सेंटर’ खोले जाएंगे. उन्होंने बताया कि विदेश में खोले जा रहे वन स्टॉप सेंटर को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की ओर से सहयोग दिया जाएगा.
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