CII के इवेंट में बोले पीएम मोदी- वायरस से लड़ने के लिए उठाने होंगे सख्त कदम

पीएम मोदी ने गूगल के CEO सुंदर पिचाई के साथ की बातचीत, ट्वीट कर कही यह बात..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के वार्षिक सत्र को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में भारतीय उद्योग जगत के साथ देश को आर्थिक वृद्धि की राह पर लाने का मंत्र साझा किया.

पीएम मोदी ने कहा, ”सबसे पहले तो सीआईआई को 125 साल सफलता पूर्वक पूर्ण करने के लिए बहुत बहुत बधाई. 125 साल की यात्रा बहुत लंबी होती है. अनेक पड़ाव और उतार-चढ़ाव आए होंगे. 125 साल में जिन लोगों ने योगदान दिया है, उन्हें बधाई दूंगा. जो हमारे बीच नहीं होंगे उन्हें आदरपूर्वक नमन करूंगा. कोरोना के इस टाइम पीरियड में इस तरह के ऑनलाइन इवेंट शायद यह न्यू नॉर्मल बनते जा रहा है. ये इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है कि वो हर मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता बना ही लेता है. आज भी हमें जहां एक तरफ इस वायरस से लड़ने के लिए सख्त कदम उठाने हैं वहीं दूसरी तरफ इकॉनमी का भी ध्यान रखना है.”

पीएम मोदी ने आगे कहा, ”हमें एक तरफ देशवासियों का जीवन बचाना है तो दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को भी स्टैबलाइज करना है, स्पीड-अप करना है. इस स्थिति में आपने “Getting Growth Back” की बात शुरू की है और निश्चित तौर पर इसके लिए भारतीय उद्योग जगत के लोग बधाई के पात्र हैं.”

उन्होंने कहा, ”भारत को फिर से तेज़ विकास के पथ पर लाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5 चीजें बहुत ज़रूरी हैं. Intent, Inclusion, Investment, Infrastructure और Innovation. हाल में जो Bold फैसले लिए गए हैं, उसमें भी आपको इन सभी की झलक मिल जाएगी.”

प्रधानमंत्री ने इवेंट में कहा, ”कोरोना के खिलाफ इकोनॉमी को फिर से मजबूत करना, हमारी उच्च प्राथमिकता में से एक है. इसके लिए सरकार जो फैसले अभी तुरंत लिए जाने जरूरी हैं, वो ले रही है. साथ में ऐसे भी फैसले लिए गए हैं जो लंबे समय में देश की मदद करेंगे.”

पीएम ने कहा, ”महिलाएं हों, दिव्यांग हों, बुजुर्ग हों, श्रमिक हों, हर किसी को इससे लाभ मिला है. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को 8 करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडर उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मुफ्त में बांटे गए हैं. सरकार आज ऐसे पॉलिसी रिफॉर्म भी कर रही है जिनकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी.”

उन्होने कहा, ”अगर मैं एग्रीकल्चर सेक्टर की बात करूं तो हमारे यहां आजादी के बाद जो नियम-कायदे बने, उसमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था. हमारे श्रमिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए लेबर रिफॉर्म भी किए जा रहे हैं. जिन non-strategic sectors में प्राइवेट सेक्टर को इजाजत ही नहीं थी, उन्हें भी खोला गया है.”

सीआईआई के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, ”MSMEs की डिफिनिशन स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है. इससे MSMEs बिना किसी चिंता के आगे बढ़ पाएंगे और उनको MSMEs का स्टेट्स बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की ज़रूरत नहीं रहेगी. दुनिया का तीसरा वो देश जिसके पास बहुत बड़ी मात्रा में कोयले का भंडार हो, जिसके पास आप जैसे उद्यमी व्यापार जगत के लीडर्स हों, लेकिन फिर भी उस देश में बाहर से कोयला आए तो उसका कारण क्या है? अब कोल सेक्टरों को इन बंधनों से मुक्त करने का काम शुरू कर दिया गया है.”

पीएम मोदी ने कहा, ”अब देश के स्ट्रैटिजिक सेक्टर्स में भी प्राइवेट प्लेयर्स की भागीदारी एक रिएलिटी बन रही है. आप स्पेस सेक्टर में निवेश करना चाहें,  एटॉमी एनर्जी में नये अवसर को तलाशना चाहें, पॉसिबिलिटीज आपके लिए पूरी तरह से खुली हुई है. हर अवसर आपका इंतजार कर रहा है.”

प्रधानमंत्री ने सीआईआई को विश्वास दिलाते हुए कहा कि सरकार आपके साथ है. ‘गेटिंग ग्रोथ बैक’ इतना मुश्किल भी नहीं है.  सबसे बड़ी बात कि अब आपके पास, भारतीय उद्योग जगत के पास, एक स्पष्ट रास्ता है. आत्मनिर्भर भारत का रास्ता.

उन्होंने कहा, ”अब जरूरत है कि देश में ऐसे प्रोडक्टस बनें जो मेड इन इंडिया हों, मेड फॉर द वर्ल्ड हों. कैसे हम देश का आयात कम से कम करें, इसे लेकर क्या नए लक्ष्य तय किए जा सकते हैं? हमें तमाम सेक्टर्स में प्रोडक्टीविटी बढ़ाने के लिए अपने टार्गेट तय करने ही होंगे.”

प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन ऐसे समय में हुआ, जब लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील के साथ ही कंपनियां परिचालन शुरू करने लगी हैं और कारखाने खुलने लगे हैं. कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये केंद्र सरकार ने 25 मार्च से देश भर में लॉकडाउन लागू किया जो कि चार चरणों में 31 मई तक चला.

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