स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने माना दिल्ली में कोरोना की ‘तीसरी लहर’, अरविंद केजरीवाल करेंगे रिव्यू मीटिंग

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने माना दिल्ली में कोरोना की 'तीसरी लहर', अरविंद केजरीवाल करेंगे रिव्यू मीटिंग

दिल्ली में एक बार फिर कोरोनावायरस का कहर बढ़ता हुआ दिख रहा है. मंगलवार को राजधानी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी (Delhi Covid-19 cases spike) के साथ 6,725 मामले सामने आए थे, इसके बाद दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और मजबूत हो गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि ‘पिछले कुछ समय से दिल्ली में कोरोना के मामले काफ़ी बढ़े हैं. इसे तीसरी लहर कहा जा सकता है. कल इसको लेकर एक रिव्यू मीटिंग कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बेड की कोई कमी ना हो इसके लिए भी लगातार तैयारी की जा रही है.

केजरीवाल ने यह भी बताया कि उनकी सरकार दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रही है, जिसमें उसने प्राइवेट अस्पतालों में 80% आईसीयू बेड रिज़र्व रखने के लिए कहा था लेकिन हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी थी. दरअसल, दिल्ली सरकार ने 33 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में 80% आईसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने का आदेश दिया था. दिल्ली सरकार के इस आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. दिल्ली सरकार के मुताबिक इससे 800 ICU बेड्स सरकार से सिस्टम से कम हो गए हैं.  मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पटाखों को लेकर भी उनकी सरकार जल्दी फ़ैसला लेगी.

केजरीवाल के अलावा दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने माना दिल्ली में कोरोना की ‘तीसरी लहर’ है. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के अलावा आक्रामक कॉन्टेक्ट्स ट्रेसिंग से भी आंकड़े बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘कोरोना के खिलाफ  पिछले 15 दिनों में अपनी स्ट्रैटेजी को हमने फोकस किया है. हम एग्रेसिव कांटेक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं. कोई भी एक व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो उसके जितने भी कांटैक्ट हैं, उन सबके हम टेस्ट कर रहे हैं, उसकी वजह से भी नंबर बढ़ रहे हैं.’

वहीं दिल्ली में कोविड अस्पतालों पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि क्यों प्राइवेट अस्पतालों में ज्यादा समस्याएं आ रही हैं. उन्होंने कहा कि इस बार जो लोग पॉजिटिव हो रहे हैं वह अपर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास में ज्यादा है, क्योंकि दिल्ली में यह वायरस पहले घनी आबादी वाले इलाकों में फैला था लेकिन अबकी बार थोड़ा अपर मिडिल क्लास सेगमेंट में जा रहा है. उन्होंने कहा कि बहुत से लोग इंश्योरेंस की वजह से भी प्राइवेट अस्पतालों का रुख करते हैं तो कुछ पैसे वाले होते हैं और वह सीधे प्राइवेट अस्पताल ही जाते हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ‘अस्पताल सरकारी हो या प्राइवेट, हर जगह ट्रीटमेंट प्रोटोकोल एक समान है. सरकारी हॉस्पिटल में बेड और आईसीयू उपलब्ध है. हमने प्राइवेट अस्पतालों के अंदर 80 फ़ीसदी ICU बेड्स कोरोना के लिए रिजर्व किए थे, जिसको हाईकोर्ट ने रोक दिया था उसके लिए अब हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं, क्योंकि अब आईसीयू बेड की उपलब्धता का मुद्दा है. ICU बेड की प्राइवेट अस्पतालों में दिक्कत आ रही है.’

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x